शदीद गर्मी में कैसे निकले वो फूल-चेहरा By Sher << मिरी इक ज़िंदगी के कितने ... सुब्ह बिछड़ कर शाम का व&#... >> शदीद गर्मी में कैसे निकले वो फूल-चेहरा सो अपने रस्ते में धूप दीवार हो रही है Share on: