शहीदान-ए-वफ़ा की मंक़बत लिखते रहे लेकिन By Sher << जो छू लूँ आसमाँ पाँव की ध... ऐसी ही एक शब में किसी से ... >> शहीदान-ए-वफ़ा की मंक़बत लिखते रहे लेकिन न की अर्ज़ी ख़ुदाओं की कभी हम्द-ओ-सना हम ने Share on: