वो अलविदा'अ का मंज़र वो भीगती पलकें By Sher << ये एक अब्र का टुकड़ा कहाँ... वक़्त ने ये कहा है रुक रु... >> वो अलविदा'अ का मंज़र वो भीगती पलकें पस-ए-ग़ुबार भी क्या क्या दिखाई देता है Share on: