ग़म की दुनिया रहे आबाद 'शकील' By Sher << मिरे सीने में दिल है या क... तिरी निगाह तो ख़ुश-मंज़री... >> ग़म की दुनिया रहे आबाद 'शकील' मुफ़लिसी में कोई जागीर तो है Share on: