शाम ढले इक वीरानी सी साथ मिरे घर जाती है By Sher << शाम होते ही चराग़ों को बु... शाख़ें रहीं तो फूल भी पत्... >> शाम ढले इक वीरानी सी साथ मिरे घर जाती है मुझ से पूछो उस की हालत जिस की माँ मर जाती है Share on: