शम्अ माशूक़ों को सिखलाती है तर्ज़-ए-आशिक़ी By Sher << रखियो 'ग़ालिब' मु... जो तू ऐ 'मुसहफ़ी'... >> शम्अ माशूक़ों को सिखलाती है तर्ज़-ए-आशिक़ी जल के परवाने से पहले बुझ के परवाने के बाद Share on: