शामिल हुए हैं बज़्म में मिस्ल-ए-चराग़ हम By Sher << तुम्हारी आँखों की गर्दिशो... शदीद तुंद हवाएँ हैं क्या ... >> शामिल हुए हैं बज़्म में मिस्ल-ए-चराग़ हम अब सुब्ह तक जलेंगे लगातार देखना Share on: