इंतिहा-ए-मअरिफ़त से ऐ 'शरफ़' By Sher << आसाँ नहीं दरिया-ए-मोहब्बत... किस को उस का ग़म हो जिस द... >> इंतिहा-ए-मअरिफ़त से ऐ 'शरफ़' मैं ने जो देखा जो समझा कुछ न था Share on: