शौक़ चढ़ती धूप जाता वक़्त घटती छाँव है By Sher << देख लेते जो मिरे दिल की प... वहाँ ईद क्या वहाँ दीद क्य... >> शौक़ चढ़ती धूप जाता वक़्त घटती छाँव है बा-वफ़ा जो आज हैं कल बे-वफ़ा हो जाएँगे Share on: