शायद अब ख़त्म हुआ चाहता है अहद-ए-सुकूत By Sher << उस का जवाब एक ही लम्हे मे... ज़रा चश्म-ए-करम से देख लो... >> शायद अब ख़त्म हुआ चाहता है अहद-ए-सुकूत हर्फ़-ए-एजाज़ की तासीर से लब जागते हैं Share on: