शायद अभी कमी सी मसीहाइयों में है By Sher << ये क्या कि हर वक़्त जी-हु... रजअ'त भी करेगा तो ठहर... >> शायद अभी कमी सी मसीहाइयों में है जो दर्द है वो रूह की गहराइयों में है Share on: