पीर-ए-मुग़ाँ के पास वो दारू है जिस से 'ज़ौक़' By Sher << तुम मेरे लिए अब कोई इल्ज़... ये सोच के माँ बाप की ख़िद... >> पीर-ए-मुग़ाँ के पास वो दारू है जिस से 'ज़ौक़' नामर्द मर्द मर्द-ए-जवाँ-मर्द हो गया Share on: