शिफ़ा नसीब मिरे क्यूँ के हो कि ऐ यारो By Sher << शीशा-ए-मय की तरह ऐ साक़ी शायद कि किसी और से था वस्... >> शिफ़ा नसीब मिरे क्यूँ के हो कि ऐ यारो रहीम दिल है तबीब और मैं हूँ बद-परहेज़ Share on: