शिकस्ता-पाई से होती हैं बस्तियाँ आबाद By Sher << वही आँसू वही माज़ी के क़ि... बहुत हसीन है दोशीज़गी-ए-ह... >> शिकस्ता-पाई से होती हैं बस्तियाँ आबाद जो अब क़बीला हुआ पहले क़ाफ़िला होगा Share on: