शिकायत मुझ को दोनों से है नासेह हो कि वाइज़ हो By Sher << कहते हैं इन शाख़ों पर फल ... मुझे पहुँचना है बस अपने-आ... >> शिकायत मुझ को दोनों से है नासेह हो कि वाइज़ हो न समझा हूँ न समझूँ सर फिरा ले जिस का जी चाहे Share on: