शीरीं के शेफ़्ता हुए परवेज़ ओ कोहकन By Sher << सिवाए रंज कुछ हासिल नहीं ... शहर में क़ाफ़िया-पैमाई बह... >> शीरीं के शेफ़्ता हुए परवेज़ ओ कोहकन शाएर हूँ मैं ये कहता हूँ मज़मून लड़ गया Share on: