शोला-ए-हुस्न से था दूद-ए-दिल अपना अव्वल By Sher << रुस्वा करेगी देख के दुनिय... बस यही होगा कि दीवाना कहे... >> शोला-ए-हुस्न से था दूद-ए-दिल अपना अव्वल आग दुनिया में न आई थी कि सोज़ाँ हम थे Share on: