शोर-ए-दरिया-ए-वफ़ा इशरत-ए-साहिल के क़रीब By Sher << बुरा बुरे के अलावा भला भी... ग़म-ए-सूद-ओ-ज़ियाँ से बे-... >> शोर-ए-दरिया-ए-वफ़ा इशरत-ए-साहिल के क़रीब रुक गए अपने क़दम आए जो मंज़िल के क़रीब Share on: