शोर-शराबा रहता था जिस आँगन में By Sher << ज़माना-साज़ियों से मैं हम... एक तुम हो कि तुम्हें सोचन... >> शोर-शराबा रहता था जिस आँगन में आज वहाँ से बस ख़ामोशी निकली है Share on: