हर नफ़्स उतनी ही लौ देगा 'सिराज' By Sher << तस्लीम है सआदत-ए-होश-ओ-ख़... दिल अपना कहीं ठहरे तो हम ... >> हर नफ़्स उतनी ही लौ देगा 'सिराज' जितनी जिस दिल में हरारत होगी Share on: