सोहबत में ग़ैर की न पड़ी हो कहीं ये ख़ू Admin शोहरत शायरी, Sher सोहबत में ग़ैर की न पड़ी हो कहीं ये ख़ू देने लगा है बोसा बग़ैर इल्तिजा किए This is a great शोहरत पर शायरी. True lovers of shayari will love this शोहरत शायरी. Share on: