सुब्ह होते ही निकल आते हैं बाज़ार में लोग By मकैनिकल लाइफ़, हालात, Sher << नेकी इक दिन काम आती है हम... ज़िंदगी ने मिरा पीछा नहीं... >> सुब्ह होते ही निकल आते हैं बाज़ार में लोग गठरियाँ सर पे उठाए हुए ईमानों की Share on: