सुब्ह का ख़्वाब उम्र भर देखा By Sher << सुनते हैं इक हवा का झोंका रंग ही से फ़रेब खाते रहें >> सुब्ह का ख़्वाब उम्र भर देखा और फिर नींद आ गई 'अंजुम' Share on: