सुख़न के सारे सलीक़े ज़बाँ में रखता है By Sher << बहता आँसू एक झलक में कितन... आवारा ओ मजनूँ ही पे मौक़ू... >> सुख़न के सारे सलीक़े ज़बाँ में रखता है नहीं का अक्स निहाँ अपनी हाँ में रक्खा है Share on: