सुख़न-साज़ी में लाज़िम है कमाल-ए-इल्म-ओ-फ़न होना By Sher << तंग पैमाई का शिकवा साक़ी-... फिर वही सौदा वही वहशत वही... >> सुख़न-साज़ी में लाज़िम है कमाल-ए-इल्म-ओ-फ़न होना महज़ तुक-बंदियों से कोई शाएर हो नहीं सकता Share on: