सुना रहा हूँ नकीरैन को फ़साना-ए-हिज्र By Sher << फूटने वाली है मज़दूर के म... हर सोच में संगीन फ़ज़ाओं ... >> सुना रहा हूँ नकीरैन को फ़साना-ए-हिज्र सवाल उन के जुदा हैं मिरे जवाब जुदा Share on: