सुनते हैं कि इन राहों में मजनूँ और फ़रहाद लुटे By Sher << हाथ पकड़ ले अब भी तेरा हो... भरी है दिल में जो हसरत कह... >> सुनते हैं कि इन राहों में मजनूँ और फ़रहाद लुटे लेकिन अब आधे रस्ते से लौट के वापस जाए कौन Share on: