सुनो आओ नया इक ज़ख़्म बख़्शो By Sher << वो मिरी सादगी पे मरता है फिर यूँ हुआ कि ज़िंदगी इक... >> सुनो आओ नया इक ज़ख़्म बख़्शो तुम्हारा हिज्र बूढ़ा हो गया है Share on: