सुनते थे मोहब्बत आसाँ है वल्लाह बहुत आसाँ है मगर By Sher << रंजिशें ऐसी हज़ार आपस में... किसी की याद मनाने में ईद ... >> सुनते थे मोहब्बत आसाँ है वल्लाह बहुत आसाँ है मगर इस सहल में जो दुश्वारी है वो मुश्किल सी मुश्किल में नहीं Share on: