सूरज को ये ग़म है कि समुंदर भी है पायाब By Sher << तारीकी में लिपटी हुई पुर-... सूरज के उजाले में चराग़ाँ... >> सूरज को ये ग़म है कि समुंदर भी है पायाब या रब मिरे क़ुल्ज़ुम में कोई सैल-ए-रवाँ और Share on: