सूरत-ए-वस्ल निकलती किसी तदबीर के साथ By Sher << तबीबों का एहसान क्यूँ-कर ... सुनते हैं कि अपने ही थे घ... >> सूरत-ए-वस्ल निकलती किसी तदबीर के साथ मेरी तस्वीर ही खिंचती तिरी तस्वीर के साथ Share on: