सुस्त-रौ मुसाफ़िर की क़िस्मतों पे क्या रोना By Sher << हो गए नाम-ए-बुताँ सुनते ह... ज़िंदगी ख़्वाब है और ख़्व... >> सुस्त-रौ मुसाफ़िर की क़िस्मतों पे क्या रोना तेज़ चलने वाला भी दश्त-ए-बे-अमाँ में है Share on: