दम-ए-रुख़्सत वो चुप रहे 'आबिद' By Sher << ये मंज़र ये रूप अनोखे सब ... तू मुझे ज़हर पिलाती है ये... >> दम-ए-रुख़्सत वो चुप रहे 'आबिद' आँख में फैलता गया काजल Share on: