तबाह कर तो दूँ ज़ाहिर-परस्त दुनिया को By Sher << नज़र आता नहीं मुझ कूँ सबब... ज़िंदगी आ तुझे क़ातिल के ... >> तबाह कर तो दूँ ज़ाहिर-परस्त दुनिया को ये आईने भी मिरे लोग ही बनाते हैं Share on: