'ताबाँ' ज़ि-बस हवा-ए-जुनूँ सर में है मिरे By Sher << है राह-ए-आशिक़ी तारीक और ... हमारे शहर में है वो गुरेज... >> 'ताबाँ' ज़ि-बस हवा-ए-जुनूँ सर में है मिरे अब मैं हूँ और दश्त है ये सर है और पहाड़ Share on: