देख क़ासिद को मिरे यार ने पूछा 'ताबाँ' By Sher << वो रात नींद की दहलीज़ पर ... मुझे मेरे मिटने का ग़म है... >> देख क़ासिद को मिरे यार ने पूछा 'ताबाँ' क्या मिरे हिज्र में जीता है वो ग़मनाक हनूज़ Share on: