तड़पती देखता हूँ जब कोई शय By हज़ार दास्तान ए इश्क़, Sher << इश्क़ सुनते थे जिसे हम वो... सोने से जागने का तअल्लुक़... >> तड़पती देखता हूँ जब कोई शय उठा लेता हूँ अपना दिल समझ कर Share on: