ता-फ़लक ले गई बेताबी-ए-दिल तब बोले By Sher << ना-उमीद अहल-ए-ख़राबात नही... उन दिनों घर से अजब रिश्ता... >> ता-फ़लक ले गई बेताबी-ए-दिल तब बोले हज़रत-ए-इश्क़ कि पहला है ये ज़ीना अपना Share on: