तहक़ीक़ की नज़र सीं आख़िर कूँ हम ने देखा By Sher << तेरी मस्जिद में वाइज़ ख़ा... सब्र कब तक राह पैदा हो कि... >> तहक़ीक़ की नज़र सीं आख़िर कूँ हम ने देखा अक्सर हैं माल वाले कम हैं कमाल वाले Share on: