तक़्सीम फिर हुई है विरासत कुछ इस तरह By Sher << हम तो समझे थे कि चारों दर... अम्न और तेरे अहद में ज़ाल... >> तक़्सीम फिर हुई है विरासत कुछ इस तरह इक माँ ज़मीं पे देखिए फिर दर-ब-दर हुई Share on: