ता-कि न निगाहों को अंधेरे नज़र आएँ By Sher << सब की दुनिया तबाह करते हो ऐ अजल एक दिन आख़िर तुझे आ... >> ता-कि न निगाहों को अंधेरे नज़र आएँ आईना उजालों ने ये चमकाया हुआ है Share on: