टकराता है सर फोड़ता है सारा ज़माना By Sher << मिरी बातों से अब आज़ुर्दा... जी ढूँडता है फिर वही फ़ुर... >> टकराता है सर फोड़ता है सारा ज़माना दीवार को रस्ते से हटाता नहीं फिर भी Share on: