तमाम शहर से बद-ज़न करा दिया शह को By Sher << तमाम-शहर में किस तरह चाँद... शिकस्तगी में भी क्या शान ... >> तमाम शहर से बद-ज़न करा दिया शह को मुसाहिबों का ख़ुदा जाने था इरादा क्या Share on: