तमाम रात नहाया था शहर बारिश में By Sher << शाख़-ए-गुल झूम के गुलज़ार... दुनिया बदल रही है ज़माने ... >> तमाम रात नहाया था शहर बारिश में वो रंग उतर ही गए जो उतरने वाले थे Share on: