तमाम उम्र जिसे आब-ए-तल्ख़ से सींचा By Sher << ऐ ख़ुदा मैं सुन रहा हूँ आ... लोग जिस हाल में मरने की द... >> तमाम उम्र जिसे आब-ए-तल्ख़ से सींचा अब उस शजर का कोई फल कहाँ से मीठा हो Share on: