तामीर-ओ-तरक़्क़ी वाले हैं कहिए भी तो उन को क्या कहिए By Sher << टूटता रहता है मुझ में ख़ु... तलाशे जा रहे हैं अहद-ए-रफ... >> तामीर-ओ-तरक़्क़ी वाले हैं कहिए भी तो उन को क्या कहिए जो शीश-महल में बैठे हुए मज़दूर की बातें करते हैं Share on: