तमसील ओ इस्तिआरा ओ तश्बीह सब दुरुस्त By Sher << तन की उर्यानी से बढ़ कर न... तमाशा देख रहे थे जो डूबने... >> तमसील ओ इस्तिआरा ओ तश्बीह सब दुरुस्त उस की मिसाल क्या जो अदीम-उल-मिसाल हो Share on: