तन्हाई न पूछ अपनी कि साथ अहल-ए-जुनूँ के By Sher << वो भी शायद रो पड़े वीरान ... सुनते हैं चमकता है वो चाँ... >> तन्हाई न पूछ अपनी कि साथ अहल-ए-जुनूँ के चलते हैं फ़क़त चंद क़दम राह के ख़म भी Share on: