तपिश गुलज़ार तक पहुँची लहू दीवार तक आया By Sher << आख़िरी दीद है आओ मिल लें शाख़-ए-तन्हाई से फिर निकल... >> तपिश गुलज़ार तक पहुँची लहू दीवार तक आया चराग़-ए-ख़ुद-कलामी का धुआँ बाज़ार तक आया Share on: