टपकना अश्क का तम्हीद है दीदार की जैसे By Sher << सताइश-गर है ज़ाहिद इस क़द... कल क़ाफ़िला-ए-निक्हत-ए-गु... >> टपकना अश्क का तम्हीद है दीदार की जैसे तुलू-ए-महर से पहले सितारा सुब्ह-दम निकले Share on: